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Sunday, September 27, 2020

Hindi poem - Subah ki dhup / सुबह की धूप

 


सुबह की धूप 

........................

देखो तो जरा 

सुबह की धूप आई है 

सज धज के 

बन सवर के 

क्या खूब आई है 

देखो तो जरा 

सुबह की धूप आई है 


चिड़ियों वाली संगीत 

फूलों में बिखरा 

सुंदर रूप लाई है 

कलियों के बसेरों में 

तितलीयों के पंखो में 

रंगरस क्या खूब आई है 

देखो तो जरा 

सुबह की धूप आई है  ..!!


आसमां से उतरा हो जैसे 

खुशबू गुलाब का 

जैसे चाँद उतर आया हो 

रात भर थककर ,

जैसे पनघट से आई हो 

कोई परी नहाकर ..!!


निखरती रंग रूप लिए 

कोई अप्सरा उतर आई है 

देखो तो जरा 

सुबह की धूप आई है 

सज धज के 

बन सवर के 

क्या खूब आई है ,

देखो तो जरा 

सुबह की धूप आई है  ..!!





                         Subodh Rajak 

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 


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Saturday, September 19, 2020

Hindi poem - Nayee Sawera / नई सवेरा ( New Morning )

 


नई सवेरा 

.................................


उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है 

तेरे जिद्द के आगे 

हर मुश्किल तो हारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!


एक बड़ा तूफ़ान 

बाहर जो पसरा है 

तेरे इरादों के चट्टानों में 

टकराने से बिखरा है 

मन हर्षित हो जाए 

ऐसा कोई नज़ारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!!


ये परिश्रम ना हो कम 

दिखने दो अंदर का दम 

अग्नि पुष्प ये अंदर का 

ह्रिदय में खिला तुम्हारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!!!






                      © Subodh Rajak 

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Sunday, September 13, 2020

Hindi poem - Khamoshi / ख़ामोशी

 


ख़ामोशी 
.................................

आज कल 
खामोश रहता हूँ 
उन महफिल में जहां 
बड़ा शोर होता है 
क्योंकि 
यहां कोई सुनने वाला नहीं 
बस आवाजें हैं 
अंदर
चीखती, चिल्लाती 
दर्द से तड़पती 
आत्माएं हैं 
बाहर 
तो बस मुस्कुराते 
नकली चेहरे हैं 

खामोश रहता हूँ 
उन दोस्तों के बीच 
जो आजकल 
कुछ बोलते नहीं 
कई राज 
छिपे रह जाते हैं 
जो कभी खुलते नहीं 

खामोश रहता हूँ 
उस बाजार में 
जहां कई तरह के सामान 
खरीदे और बेचे जाते हैं 
रिश्तों के तराजू में 
मतलब और फायदे 
तौले जाते हैं 

खामोश रहता हूँ 
उस घर में 
जहां आजकल 
कोई कुछ बोलता नहीं 
बस कुर्सी में बैठा रहता हूँ 
खामोशी को लिये 
और खामोशी को 
करीब से महसूस करता हूँ 
आज कल 
खामोश रहता हूँ 




                        © Subodh Rajak 
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Sunday, July 19, 2020

Hindi poem - Kitana pyar karu / कितना प्यार करूं


Hindi poem

कितना प्यार 

कितना प्यार करूं तुझे 
है नहीं पता मुझे 
दिल ने किया कभी इशारा 
था नहीं खबर मुझे 
कितना प्यार करूं तुझे..! 

कभी कभी मैं सोचता हूँ 
किसे बताऊं कितना तुम्हें 
कितना तुम्हें मैं चाहता हूँ 
करके बंद दरवाजे 
दिल के घर में रहता हूँ 

इश्क में क्या हाल हुआ 
पुछे दिल कई बार मुझे 
कितना प्यार करूं तुझे  ..!!

क्या बताएं आपको 
ये क्या हो गया है 
कभी कभी लगता है 
वक्त थम सा गया है 
तेरे बाहों में आ कर 
दर्द कम सा गया है 

तुम्हें चाहूं किस तरह 
दे इजाज़त तू मुझे 
कितना प्यार करूं तुझे..!! 

मिल जाए मुझको कहीं 
दिख जाए मुझको कहीं 
हूँ मदहोश मैं ..
आ जाए न होश कहीं  ..!!

बाते दिल की करूं कैसे 
कितना प्यार करूं तुझे 
है नहीं पता मुझे  ..!!!







Subodh Rajak 
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Sunday, June 21, 2020

Hindi poem - Antim patra /अंतिम पत्र

Hindi poem - Antim patra / अंतिम पत्र 
Hindi poem antim patra


अंतिम पत्र 

छाँव मिला नहीं किसी छत्र में 
दो शब्द छूट गया अंतिम पत्र में 

मुजरिम उसका 
अकेलापन था 
घूट - घूट कर  जिया 
वो हर क्षण था 
चेहरे की रौनक दिखी 
होंटो की मुस्कान दिखी 
पर न दिखा 
जो उसका 
खाली मन था 
घूट - घूट कर जिया 
वो हर क्षण था 

मन घूटता है उसके हिज्र में 
दो शब्द छूट गया अंतिम पत्र में..!! 






Subodh Rajak 
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Sunday, June 14, 2020

Hindi poem - Thandi snan / ठंडी स्नान

Hindi poem - Thandi snan / ठंडी स्नान 
Hindi poem cold bath

ठंडी स्नान 

टाईम हुआ है नहाने का 
टॉपिक नहीं है बहानें का 
एक बाल्टी काफी है 
बॉडी पे बहाने का ...!

बॉडी पे साबुन छलके 
बाल्टी से पानी छलके 
मग मग पानी जोर गिरे 
ठंड के मारे मुंह ठिठरे 
लाओ जल्दी, जल्दी लाओ 
लाओ लकड़ी जलाने का 
टाईम हुआ है नहाने का

एक बाल्टी पानी है 
बॉडी पे बहाने का ...!!

कट-कट कट-कट दांत करे 
तरह तरह के बात करे 
मिल जाए कुछ फल फ्रूट 
धांय धांय ये साफ करे 

सपना ऐसा देखा कि 
रहा नहीं कुछ बोलने का 
टाईम हुआ है नहाने का ..!!!






Subodh Rajak 
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Friday, June 5, 2020

Hindi poem - Paudha / पौधा (plant)

Paudha / पौधा (plant) 
Plant poem

Paudha/ पौधा (plant) 

माली बाबा  माली बाबा 
मैं पौधा तेरी लगन का 
मैं भी तेरी बेटी हूँ 
फूल हूँ तेरी आँगन का 

अभी मैं बहुत छोटी हूँ 
फूल नहीं हैं मेरे पास 
कल मैं बड़ी हो जाउंगी 
मुझको भी बियाह देना 
तुम किसी वृक्ष के साथ...!!




Subodh Rajak 
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Wednesday, June 3, 2020

हाल - ए - उर..

Hindi poem

हाल - ए - उर 

हाल - ए - उर न जाने हुज़ूर 
विरह का दर्द है जरूर 
दिल का है क्या जाने कसूर 
हाले - ए - उर न जाने हुज़ूर ..!

महफिल महफिल दिल लूटा 
बेहरमी से फिर टूटा 
जाने क्या है उसे मंजूर 
हाले - ए - उर न जाने हुज़ूर..!! 

आंखे काजल काजल 
होंट लगे शबनमी 
उसके आहट से 
सांसे करे मनमानी 

बाहों में लेता उसे जरूर 
पर थी वो हमसे दूर 
हाले - ए - उर न जाने हुज़ूर..!!

बहती काजल के निशां 
हाल दिल का बता दिया 
शायद मेरे याद में उसने 
खुद को ही भूला दिया 

बैठा हूँ महफिल में दूर - दूर 
नजरें भी ना मिले 
क्यों है दिल इतना मजबूर 
हाल - ए - उर न जाने हुज़ूर..!!!








Subodh Rajak 
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Thursday, May 28, 2020

Hindi poem - pahli baar / पहली बार

Hindi poem pahli baar

पहली बार 
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आहत हुआ है, दिल तार तार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!

पहले पहल लगा, ये क्या बला है 
पर इसे बेहतर जाना कौन भला है! 
निशाने पर थे हम कुछ इस तरह 
तीर दिल के सीधे पार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!!

थोड़ा जानबूझकर, थोड़ा अचानक हुआ है 
पर अंजाम इसका बड़ा भयानक हुआ है 
दिल हुआ बिमार मेरा, धड़कने लाचार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!!

आफत हुआ है, जीवन बेकार हुआ है 
जहां सुना खरी खोटी, वहीं तेरा दिदार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!! 

दर्द ये जार जार हुआ है 
आहत हुआ है दिल तार तार हुआ है 
ऐसा हाल मेरा, पहली बार हुआ है..!!! 






Subodh Rajak 
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Monday, May 25, 2020

English poem - Dark


Dark 
...........................

Dark has been come 
to look that moon ,
Don't hide in clouds 
Please you come soon ..!

This time is better 
to meet you ,
My heart is open 
to seat you... 

Somehow don't go the moon 
I will put you in my heart soon ..!!

Dark has been come 
to look that moon, 
Don't hide in clouds 
Please you come soon..!!! 

Look you my pretty girl 
Take you my heart soon ,
I would to beat somewhere 
I scared the angry moon.. 

Moon is coming soon to meet me 
I think she is coming to beat me.. 

Dark has been come 
When will you come? 
I wait for long time alone 
looking in the sky that one ...

Dark has been come 
to look that moon, 
Don't hide in clouds 
Please you come soon..!!! 






Subodh Rajak 
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Thank you 




Sunday, May 24, 2020

Hindi poem - Kalam ki sajish / कलम की साजिश



कलम की साजिश 

कलम मेरा हर लम्हा 
साजिश यही करता है ,
लिखते लिखते 
नाम तुम्हारा लिखता है ..!

लिखता हूँ दो शब्द 
दो चार और लिख जाता है ,
कलम मेरा हर लम्हा 
साजिश यही करता है.. 

कागज के मंच पर 
ऐसे वह चलता है, 
मटक मटक कर 
मन को लुभाता है... 

शांत चीत जैसा भी हो 
अनायास हंसा देता है, 
कलम मेरा हर लम्हा 
साजिश यही करता है.. 

खामोश वह रहता है 
न जाने क्या कहता है ,
कागज पर गुज़रता है 
कतरा कतरा जीता है.. 

प्यार करता है, प्यार छुपाता है 
कलम मेरा हर लम्हा 
साजिश यही करता है 
लिखते लिखते 
नाम तुम्हारा लिखता है..!! 





Subodh Rajak 
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Friday, May 22, 2020

Hindi poem - Mandir ka phool / मंदिर का फूल


मंदिर का फूल 

पौधों से टूटकर 
पत्तियों से बिछड़ कर,
आया हूँ दूर से 
नहां धो कर..!

एक छण उड़ कर 
गिर गए टकराकर 
ऐसे आया शरण में,
गिर गए चरणों पर...

मन त्रीप्त हो उठा 
मंत्र संगीत सुनकर 
पौधों से टूट कर 
पत्तियों से बिछड़ कर,
आया हूँ दूर से 
नहां धो कर...!!

मेरे कण कण में हैं
तुम्हारा वास ,
काश! उग जाता फिर से 
तेरे चरणों के पास...!!! 





Subodh Rajak 
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Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...