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Saturday, May 30, 2020

ये खामोशी..

Hindi poem

खामोशी 

ये खामोशी बहुत कुछ कहती है 
दिल से निकलकर दूर तक जाती है...! 

चाहा था ता उम्र जिन्हें 
और फिर भुला दिया 
बाद में जाना वो भी मुझे चाहती है 
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है 

सब कुछ नहीं मिलता जीवन में 
कुछ न कुछ छूट जाता है 
भार ज्यादा हो दिल में अगर 
कहीं न कहीं डूब जाता है 

हम डूब गए उस दरिया में 
जो तेरे दिल से होकर बहती है 
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है..!! 

आहट जो मिला हमें 
तेरी दिल की परछाई है 
मीठा मीठा प्यार तेरा 
मेरे जीवन की कमाई है 

आवाज मेरे दिल की 
चुपके से तेरी और जाती है 

ये खामोशी बहुत कुछ कहती है
दिल से निकलकर दूर तक जाती है...!!! 








Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद !!



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