खामोशी
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है
दिल से निकलकर दूर तक जाती है...!
चाहा था ता उम्र जिन्हें
और फिर भुला दिया
बाद में जाना वो भी मुझे चाहती है
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है
सब कुछ नहीं मिलता जीवन में
कुछ न कुछ छूट जाता है
भार ज्यादा हो दिल में अगर
कहीं न कहीं डूब जाता है
हम डूब गए उस दरिया में
जो तेरे दिल से होकर बहती है
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है..!!
आहट जो मिला हमें
तेरी दिल की परछाई है
मीठा मीठा प्यार तेरा
मेरे जीवन की कमाई है
आवाज मेरे दिल की
चुपके से तेरी और जाती है
ये खामोशी बहुत कुछ कहती है
दिल से निकलकर दूर तक जाती है...!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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