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Monday, May 25, 2020

Hindi poem - Sawdhan / सावधान

Hindi poem Sawdhan

सावधान 
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सावधान !
अजीब सा हवा चला है ,
ठंडा ठंडा लाठी चला है ..!

मार खाया हर छण 
बचा न पाया अपना तन
चारो तरफ धुआं धुंआ 
शायद कहीं बर्फ जला है

सावधान ! 
अजीब सा हवा चला है ,
ठंडा ठंडा लाठी चला है.. !!

इससे दया की
उम्मीद न करना 
भागो जल्दी देर न करना 
लगता है पिटाई का
प्रलय आने वाला है 

सावधान !
अजीब सा हवा चला है ,
ठंडा ठंडा लाठी चला है.. !!!







Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे!  धन्यवाद  !!


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