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Tuesday, June 9, 2020

Hindi poem - Dil hai musafir/ दिल है मुसाफ़िर

Dil hai musafir / दिल है मुसाफ़िर ( This is heart Mr.) 

Dil hai musafir / दिल है मुसाफ़िर (This is heart Mr.) 

पुराना दिल है मुसाफ़िर 
दिल का सौदा क्या करना 
लेकिन.. 
अपना भी दिल टूटा है 
फिर मना क्या करना ..!

पुराना ये खिलौना है 
देखा इसने जमाना है 
गिर गिर कर इसने सिखा 
खुद को कैसे बचाना है !

पुराना खिलौना है मुसाफ़िर 
टूटने पर क्या रोना 
और टूटे दिल का 
सौदा क्या करना !
लेकिन.. 
अपना भी दिल टूटा है 
फिर मना क्या करना..!! 



Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए निचे दिये लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! 
पुनः पधारें! धन्यवाद! 

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