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Sunday, September 6, 2020

Hindi poem - Nasha / नशा ( drugs )

 

Hindi poem nasha / drugs

Drugs / नशा 

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कुछ लोग नशा लेते हैं ,

कुछ लोग मजा लेते हैं ..!


इन नशीली चीजों से 

किसका भला हुआ है 

राख भरी है अंदर 

हर कोई जला हुआ है 

अपने संग वो अपना 

घर भी जला लेते हैं 

कुछ लोग नशा लेते हैं 

कुछ लोग मजा लेते हैं 


मतलब से 

मतलब रखते हैं 

मतलब नहीं तो 

कोई मतलब नहीं रखता ,

क्या हो जाता 

अगर कोई 

ये ज़हर नहीं रखता ..!!


दुनिया से अलग होकर सभी 

खुद को भूला लेते हैं ,

कुछ लोग नशा लेते हैं 

कुछ लोग मजा लेते हैं  ..!!





                           © Subodh Rajak 

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 


हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

https://subodhrajak.blogspot.com


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे  !

धन्यवाद  !!


Thursday, April 30, 2020

Hindi poem - Tere kareeb se/ तेरे करीब से



तेरे करीब से 

तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 
हवाएं नम लगता है 
रंग सुबह का कम लगता है 
नजरें झुका कर 
तुम्हें देखा करता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 

ये नजरें संभलता नहीं 
दिल शरारत करता है 
रंग जवानी का 
हर लम्हा मदहोश करता है 
मन ही मन तुम्हें चाहने का 
गुनाह मैं करता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 

हलचल होने लगी सांसो में 
सोचता हूं भर लुं तुम्हें बाहों में 
खुशबू तेरे बदन की 
जख़्म दिल का भरता है 
मन तुम्हें छुने को हर बार करता है 

खयालों खयालों में रहता हूँ 
तेरे यादों के पनाह में रहता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूं 
नशा नशा महसूस करता हूँ ..!!







                            © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे! धन्यवाद  !!



Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...