Hindi poem - kahan se ayee ho / कहाँ से आई हो
कहाँ से आई हो
इस जहां की
तुम नहीं लगती हो
कहां से आई हो?
ऐसा लगता है
आसमां से उतर के
जमीं पे आई हो ..!!
इस जहां में तुम
पहली बार
नजर आई हो
दूर से देखा तुम्हें
और दिल में
उतर आई हो
जिन गलियों से
पुराना नाता है
उन गलियों की
तुम नहीं लगती हो
कहां से आई हो?
ऐसा लगता है
आसमां से उतर के
जमीं पे आई हो..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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