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Sunday, June 28, 2020

Hindi poem - Kahan se ayee ho / कहाँ से आई हो

Hindi poem - kahan se ayee ho / कहाँ से आई हो 


Hindi poem


कहाँ से आई हो 


इस जहां की 
तुम नहीं लगती हो 
कहां से आई हो? 
ऐसा लगता है 
आसमां से उतर के 
जमीं पे आई हो ..!!

इस जहां में तुम 
पहली बार 
नजर आई हो
दूर से देखा तुम्हें 
और दिल में 
उतर आई हो 

जिन गलियों से 
पुराना नाता है 
उन गलियों की 
तुम नहीं लगती हो 
कहां से आई हो? 
ऐसा लगता है 
आसमां से उतर के 
जमीं पे आई हो..!!! 






Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद! 

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