चींटी
विशाल पत्तियाँ लिये खड़ा है
पौधों को क्या नाप पाएगा ,
हिरदय विशाल है चींटी का
शिखर में चढ़ मुस्काएगा ..!
छेड़ा है तेज हवाओं ने
पर उसे क्या रोक पाएगा ,
हिरदय विशाल है चींटी का
शिखर में चढ़ मुस्काएगा ..!!
कुछ चट्टानें फिसलन भरी है
पर कितनी बार वो फिसलेगा ,
हिरदय विशाल है चींटी का
शिखर में चढ़ मुस्काएगा ..!!
एक छोटा नाला जब
विशाल नदी बन जाएगा ,
उसे डुबाने धीरे धीरे
कदम वो आगे बढ़ाएगा ..!!
देख नदी को वह
सांहस क्या बंध पाएगा ,
विशाल हिरदय है चींटी का
शिखर में चढ़ मुस्काएगा ..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!!