Saturday, September 19, 2020

Hindi poem - Nayee Sawera / नई सवेरा ( New Morning )

 


नई सवेरा 

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उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है 

तेरे जिद्द के आगे 

हर मुश्किल तो हारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!


एक बड़ा तूफ़ान 

बाहर जो पसरा है 

तेरे इरादों के चट्टानों में 

टकराने से बिखरा है 

मन हर्षित हो जाए 

ऐसा कोई नज़ारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!!


ये परिश्रम ना हो कम 

दिखने दो अंदर का दम 

अग्नि पुष्प ये अंदर का 

ह्रिदय में खिला तुम्हारा है 

उठ जा नई सवेरा है 

अब ये दिन तुम्हारा है ..!!!






                      © Subodh Rajak 

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 


हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

https://subodhrajak.blogspot.com


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