Friday, June 12, 2020

Hindi poem - Kartavya path / कर्तव्य पथ

Hindi poem - Kartavya path / कर्तव्य पथ
Hindi poem kartavya path

कर्तव्य पथ 

कर्तव्य पथ पर चलुंगा 
चलते चलते गिरूंगा 
फिर उठ कर खुद से कहूंगा 
मंजिल अभी बाकी है 
एक बार फिर कोशिश करूंगा..!

मिलेंगे कांटे यहां 
होंगे शोले इन राहों पर 
परिश्रम की आग में 
पुरी तरह जलुंगा 
कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!! 

न टूटेंगे कभी, ये होंसला रखना है
मुश्किलों का डट कर सामना करना है 
हार कर न बैठुंगा 
एक बार फिर कोशिश करूंगा..!!

माना जंग बड़ी है 
लड़ना आसान नहीं है 
पर हिम्मत कर
युद्ध रथ पर चढुंगा 
कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!! 

कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!!!





Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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धन्यवाद !

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