दिनचर्या
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जब सुबह उठते ही हो
तो थोड़ा खिड़की खोलो
परदा हटाओ
थोड़ा धूप लो
विटामिन डी मिलेगा !
ब्रश करो मुंह धोवो
नाश्ते में जरूर
कुछ अच्छा मिलेगा !!
किन खयालों में रहते हो
इतना खयालों में जीना
अच्छी बात नहीं
यूं पड़े पड़े समय बिताना
अच्छी बात नहीं
उठो दौड़ो तब तक ना रूको
जब तक कुछ मिल न जाए
पैर मारते रहो
जब तक कुछ हिल न जाए
बिना कुछ किए करता
कोई मुलाकात नहीं
वैसे भी हाथ पे हाथ धर के बैठ जाना
अच्छी बात नहीं !!
जब इस दुनिया में आए हो
तो थोड़ा परिश्रम करो
पसीना बहावो फल मिलेगा
आज नहीं तो कल मिलेगा
मुंह फेर कर जाने वाले
फिर मुस्कुराते हुए मिलेगा
इस दुनिया के घर में
हम सब मेहमान हैं
यहां सब को कुछ दिन रूकना है
फिर क्यों आपस में रूठना है
खुशीयां बांटो
खुशीयां मिलेगा
सब उपर वाले की देन है
कौन भला
क्या ठुकराएगा !
ये दुनिया आईना है बाबू
मुस्कुरा कर देखो
तो जग मुस्कुराएगा !!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद !!