वो मासूम आवाज़
जिसे मैं
कभी नहीं भूल सकता
उस वक्त मैं
एक गहरी सोच में डूब गया
और खड़ा रहा
चुप चाप
खम्भे की तरह
वो कभी मुझे
हिलाने की कोशिश करता
तो कभी मेरे कपड़े खींचता
उसके शब्दों ने
मेरे आत्मा को झकझोर दिया
जब वह बोला -
" भूख लागल हो! कुछु दे न! "
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर पढ़ सकते हैं!
https://subodhrajak.blogspot.com
आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!
पुनः पधारें! धन्यवाद!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर पढ़ सकते हैं!
https://subodhrajak.blogspot.com
आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!
पुनः पधारें! धन्यवाद!