Showing posts with label ठेला. Show all posts
Showing posts with label ठेला. Show all posts

Saturday, May 2, 2020

Hindi poem - Aa jaana / आ जाना


आ जाना 


जमाने की ऐसी की तैसी 
नहीं मिलेगा कोई तेरे जैसी.. 

छोड़ के घर के काम को 
आ जाना मिलने शाम को 

बाजार आना लेकर अपनी गाड़ी
खिलाऊंगा चाय बिस्किट  झालमुड़ी 

पर्स में पैसा है मार्केट में समोसा है 
टेंशन मत लेना अपने दोस्त का ठेला है 

खाना तो बहाना है 
काम तो बस मिलना है 
कुछ सुनना है कुछ बताना है 
ऐसे ही थोड़ा टाइम पास करना है 

बताओ ये आयडिया है कैसी? 

जमाने की ऐसी की तैसी 
नहीं मिलेगा कोई तेरे जैसी 

छोड़ के घर के काम को 
आ जाना मिलने शाम को.. !!






                           © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं ! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे, धन्यवाद  !!

Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...