मन
कहां उड़ फिरे हैं मनवा
तेज है पानी और हवा
आया है अंधड़ तूफान
जोर जोर हिले सब गछवा
कहां उड़ फिरे हैं मनवा
खोजा तिल जंगल जंगल
पेड़ों के डाल पर
मिला नहीं वो
बिन खोजे मिला
किसी के गाल पर
कुछ फूल खिले थे
उसके बाल पर
हाल चाल
कुशल मंगल था
बातों से लगा
हिर्दय विरान
एक जंगल था
खुले खुले बाल थे
मन में कई सवाल थे
इस हवा में
सिहर उठा है तनवा
कहां उड़ फिरे हैं मनवा ...!!
गिर पड़ी है कुछ बूंद जमी पर
शायद रोया है कोई कहीं पर
आंखों के तट पर
आया है लहरों का उफान
आया है अंधड़ तूफान
जोर जोर हिले सब गछवा
कहां उड़ फिरे हैं मनवा ...!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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