आधी रात
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इक गहरी खामोशी है
सन्नाटो में डूबा है वक्त
बेबस है सारे जीव जन्तु
रोशनी की उम्मीद है,
कुछ खुली होंगी आंखें
मेरी तरह
पल पल वक्त काटता होगा कोई
इस इंतजार में होगा कि
कब यह अंधेरी बादल हटे
और गोधूलि चमक उठे ..!!
वहीं कुछ सपनों के मुसाफिर
खोया होगा किसी सपने में
लुसिड की दुनिया में
लड़ रहा होगा किसी राक्षस से
व्यस्त होगा खुद को
या अपनों को बचाने में ..!!
...~...~...~...~...~...
अंधेरा हट जाएगा थोड़ी देर में
बैठेगी रोशनी
अपने आसन में
चहल कूद फिर मच उठेगा
धरती के आँगन में ..!!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे, धन्यवाद !!