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Sunday, July 19, 2020

Hindi poem - Apman / अपमान


Hindi poem

अपमान 

मैदान में हारे हुए खिलाड़ी का 
मजाक कौन उडा़ता है? 
वही जो किनारे में बैठ कर 
तालियां बजाता है ..!

तालियां बजाने वाले को फर्क नहीं पड़ता है 
तुम जीते या कोई और 
फिर तुम्हें क्यों फर्क पड़ता है एक हार से 
अभी खेल बाकी है और  ..!!

सफलता कहां चल कर आती है 
ये असफलता का अनुभव ही 
एक दिन सफलता दिलाती है 

शब्द भी बाहर निकल कर 
अपना रंग बदल लेता है 
किसी को त्रीप्त कर देता है 
किसी का ह्रीदय तार तार कर देता है 

जिसने अपमान किया उसे झूठा अभिमान है 
जो अपमान को पी गया वही तो महान है  ..!!

पुरानी बात है, बुजुर्गों का कहना है 
जो जला है, वही शुद्ध सोना बना है  ..!!!









Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 


Wednesday, April 29, 2020

Hindi poem - jeet / जीत


जीत 

है जीतना हमें 
हम जीत जाएंगे 
इन मुश्किलों से 
हम लड़ जाएंगे 

कोई कह दो इन्हें 
पकड़ सको तो पकड़ ले 
वरना हम निकल जाएंगे 
है जीतना हमें 
हम जीत जाएंगे 

मुश्किलें मासूम हैं
उनको पता नहीं हैं
चट्टानों से टकराने की
हमने भी ठानी है 

दरिया हो आग का 
तभी डूब के जाएंगे 
है जीतना हमें 
हम जीत जाएंगे ..!!





                           © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे,  धन्यवाद  !!


Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...