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Thursday, May 28, 2020

Night / रात

Night

रात
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ये रात कितनी शक्तिशाली है 
धरती सूनी आसमां काली है..! 

झपकी आती है बार बार 
बिस्तर पे गिरा कई बार 
क्या लिखुं मैं 
ये दिल अपना खाली खाली है.. 

ये रात कितनी शक्तिशाली है 
धरती सूनी आसमां काली है..!!

मुर्छित हो गिर पड़ा है कोई 
कोई बिस्तर पे, तो भूमि पर कोई 
सपने अभी बाकी है 
रात भर आंखे खुली है.. 

ये रात कितनी शक्तिशाली है 
धरती सूनी आसमां काली है..!! 

मदहोश करती आलिंगन है 
धीरे धीरे बढ़ती उर कंपन है 
दिल में उत्तेजना दीप जली है 

ये रात कितनी शक्तिशाली है 
धरती सूनी आसमां काली है..!!!






© Subodh Rajak 

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं !

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है ! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 

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