Sunday, July 19, 2020

Hindi poem - Shringar / श्रृंगार



Hindi poem


श्रृंगार  

कुछ शब्द थे मन में 
हमने अलंकार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को 
हमने श्रृंगार बना दिया  ..!!

जरा समेट लो अपने बालों को 
कुछ फूल खिले थे पास में 
हमने पुष्प हार बना दिया  ,
आईने में देख लो खुद को 
हमने श्रृंगार बना दिया  ..!!

कुछ पंखुड़ियां 
टूट कर गिर गए आंगन में 
हमने बहार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को 
हमने श्रृंगार बना दिया  ..!!

तेरी आंखों के आसमां में 
हमने बादल बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को 
हमने काजल बना दिया  ..!!

दिल अंदर था मेरा 
बाहर निकाल कर 
हमने उपहार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को 
हमने श्रृंगार बना दिया  ..!!








Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 



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