सुबह की धूप
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देखो तो जरा
सुबह की धूप आई है
सज धज के
बन सवर के
क्या खूब आई है
देखो तो जरा
सुबह की धूप आई है
चिड़ियों वाली संगीत
फूलों में बिखरा
सुंदर रूप लाई है
कलियों के बसेरों में
तितलीयों के पंखो में
रंगरस क्या खूब आई है
देखो तो जरा
सुबह की धूप आई है ..!!
आसमां से उतरा हो जैसे
खुशबू गुलाब का
जैसे चाँद उतर आया हो
रात भर थककर ,
जैसे पनघट से आई हो
कोई परी नहाकर ..!!
निखरती रंग रूप लिए
कोई अप्सरा उतर आई है
देखो तो जरा
सुबह की धूप आई है
सज धज के
बन सवर के
क्या खूब आई है ,
देखो तो जरा
सुबह की धूप आई है ..!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे, धन्यवाद !!