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Saturday, June 13, 2020

Hindi poem - Kuch baaki hai / कुछ बाकी है..

Hindi poem - kuch baaki hai / कुछ बाकी है
Hindi poem - kuch baaki hai

kuch baaki hai /कुछ बाकी है 

किताबें जो रखी हैं 
सेत कर पढ़ने के लिए 
कुछ पन्नें अभी बाकी हैं,

कुछ दिन गुजर गए 
ज़िन्दगी के कुछ दिन में 
कुछ जीना अभी बाकी है..!

कुछ तो है मुझमें 
यूं ही नहीं हम नजरों में हैं 
कुछ बातें उभर गई है 
उनकी दो आंखों पर 
कुछ बातें अभी बाकी हैं..!!




Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 



आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारें!
धन्यवाद! 

Friday, June 5, 2020

Hindi poem - Bhukh / भूख

Bhukh /भूख 


Hindi poem bhukh

Bhukh / भूख 

चार साल की 
वो मासूम आवाज़ 
जिसे मैं 
कभी नहीं भूल सकता 

उस वक्त मैं 
एक गहरी सोच में डूब गया 
और खड़ा रहा 
चुप चाप 
खम्भे की तरह 

वो कभी मुझे 
हिलाने की कोशिश करता 
तो कभी मेरे कपड़े खींचता 

उसके शब्दों ने 
मेरे आत्मा को झकझोर दिया
जब वह बोला - 
" भूख लागल हो! कुछु दे न! "




Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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https://subodhrajak.blogspot.com


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!
पुनः पधारें! धन्यवाद! 

Thursday, May 14, 2020

Hindi poem - Barish / बारिश ( Rain )




बारिश 
..............................
रिम झिम -रिम झिम 
बजने लगी.. 
बारिश ये क्या 
कहने लगी.. 

गिर के वो आंखों में 
डूबने लगी.. 
रिम झिम - रिम झिम 
बजने लगी.. 
बारिश ये क्या 
कहने लगी..!

इस तरह वो हमें 
समझने लगी 
होंटो पे गिर के प्यास 
बुझाने लगी.. 
रिम झिम - रिम झिम 
बजने लगी 
बारिश ये क्या 
कहने लगी...!! 

हमे तो भीगना था 
कुछ दूर चलना था 
बूंदे भी संग मेरे 
भीगने लगी.. 
रिम झिम - रिम झिम 
बजने लगी 
बारिश ये क्या 
कहने लगी..!!! 







                           © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे,  धन्यवाद  !!

Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...