श्रृंगार
कुछ शब्द थे मन में
हमने अलंकार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को
हमने श्रृंगार बना दिया ..!!
जरा समेट लो अपने बालों को
कुछ फूल खिले थे पास में
हमने पुष्प हार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को
हमने श्रृंगार बना दिया ..!!
कुछ पंखुड़ियां
टूट कर गिर गए आंगन में
हमने बहार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को
हमने श्रृंगार बना दिया ..!!
तेरी आंखों के आसमां में
हमने बादल बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को
हमने काजल बना दिया ..!!
दिल अंदर था मेरा
बाहर निकाल कर
हमने उपहार बना दिया ,
आईने में देख लो खुद को
हमने श्रृंगार बना दिया ..!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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