Thursday, April 30, 2020

Hindi poem - Tere kareeb se/ तेरे करीब से



तेरे करीब से 

तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 
हवाएं नम लगता है 
रंग सुबह का कम लगता है 
नजरें झुका कर 
तुम्हें देखा करता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 

ये नजरें संभलता नहीं 
दिल शरारत करता है 
रंग जवानी का 
हर लम्हा मदहोश करता है 
मन ही मन तुम्हें चाहने का 
गुनाह मैं करता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूँ 
नशा नशा महसूस करता हूँ 

हलचल होने लगी सांसो में 
सोचता हूं भर लुं तुम्हें बाहों में 
खुशबू तेरे बदन की 
जख़्म दिल का भरता है 
मन तुम्हें छुने को हर बार करता है 

खयालों खयालों में रहता हूँ 
तेरे यादों के पनाह में रहता हूँ 
तेरे करीब से गुजरता हूं 
नशा नशा महसूस करता हूँ ..!!







                            © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे! धन्यवाद  !!



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