टूटा पत्थर
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बहुत ठोकरें खा ली ,
कब तक धुल चाटता रहेगा
बैठे बैठे यहीं सड़ता रहेगा ..
चल आ देख मैं तुझे
क्या से क्या बनाता हूँ
कहां से उठा कर
कहां पे बैठाता हूँ
पर मेरे शर्त में
बहुत दर्द है प्यारे ..
कटना है, छैनी की धार से
टूटना है, हथौड़े की वार से
चीख पड़ेगा तू,
किस्मत की हर मार से..
ये दर्द खुद पर सहना होगा
मर मर कर तुम्हें
जिन्दा रहना होगा..
पर मेरे शर्त में
जब तू खरा उतरेगा ,
बड़ी बड़ी हस्तियां
तेरे आगे सर झुकाएगा !!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे , धन्यवाद !!