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Sunday, July 5, 2020

Hindi poem - phool / फूल (Flower)


Hindi poem



फूल 

आए दिन बरसात में 
खिल जाते हैं फूल 
मेरे आंगन में ..

होता है श्रृंगार फूलों की 
खुशबू जाती है 
दूर गगन में ..
आए दिन बरसात में 
खिल जाते हैं फूल 
मेरे आंगन में  ..!!

कभी कभी लड़ जाते हैं 
भौंरे तितली आपस में 
कुछ तो बात है 
फूल की सुंदरता में 

ऐसा फूल खिला नहीं 
किसी चमन में 
आए दिन बरसात में 
खिल जाते हैं फूल 
मेरे आंगन में  ..!!!






Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 

Saturday, July 4, 2020

Hindi poem - Man / मन (psyche)


Hindi poem



मन 

कहां उड़ फिरे हैं मनवा 
तेज है पानी और हवा 
आया है अंधड़ तूफान 
जोर जोर हिले सब गछवा 
कहां उड़ फिरे हैं मनवा 

खोजा तिल जंगल जंगल 
पेड़ों के डाल पर 
मिला नहीं वो 

बिन खोजे मिला 
किसी के गाल पर 
कुछ फूल खिले थे 
उसके बाल पर 

हाल चाल 
कुशल मंगल था 
बातों से लगा 
हिर्दय विरान 
एक जंगल था 
खुले खुले बाल थे 
मन में कई सवाल थे 

इस हवा में 
सिहर उठा है तनवा 
कहां उड़ फिरे हैं मनवा ...!!

गिर पड़ी है कुछ बूंद जमी पर 
शायद रोया है कोई कहीं पर 
आंखों के तट पर 
आया है लहरों का उफान 
आया है अंधड़ तूफान 
जोर जोर हिले सब गछवा 
कहां उड़ फिरे हैं मनवा ...!!






Subodh Rajak 
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Friday, May 22, 2020

Hindi poem - Mandir ka phool / मंदिर का फूल


मंदिर का फूल 

पौधों से टूटकर 
पत्तियों से बिछड़ कर,
आया हूँ दूर से 
नहां धो कर..!

एक छण उड़ कर 
गिर गए टकराकर 
ऐसे आया शरण में,
गिर गए चरणों पर...

मन त्रीप्त हो उठा 
मंत्र संगीत सुनकर 
पौधों से टूट कर 
पत्तियों से बिछड़ कर,
आया हूँ दूर से 
नहां धो कर...!!

मेरे कण कण में हैं
तुम्हारा वास ,
काश! उग जाता फिर से 
तेरे चरणों के पास...!!! 





Subodh Rajak 
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Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...