दो बातों से
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मन हल्का हो गया
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया
रिश्तों में अपनापन है
मन में अकेलापन है
क्यों आंखे, आज नम हो गया
दो बातों से
मन हल्का हो गया ..
दो पल का आना है
गुजरा कई जमाना है
कुछ बातें बाकी है
कुछ बातें हो गया,
दो बातों से
मन हल्का हो गया
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया !!
ऐहसासों की तार है
दर्द में बजता सितार है
एक संगीत का दरिया है
डूबता इसमें संसार है
उम्र की दिवार नहीं
रिश्तों का नाम नहीं
बस यूँही राहों में, मिलना हो गया
दो बातों से
मन हल्का हो गया ,
सूखे मन में
बारिश हल्का हो गया !!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे, धन्यवाद !!