पेड़
शाम को जब मैं बैठा था
घर का दरवाजा थोड़ा खुला था
मेैंने देखा एक बड़ा सा पेड़
उसकी डालियां हिल रही थी
पत्तों के हिलने की आवाजें भी
जोरों से आ रही थी ,
शायद हवाएं
जोरो से चल रही थी ..!!
पेड़ कभी शांत रहता
कभी एक ओर झुक जाता
कुछ इसीतरह हरकतें हो रही थी
लगता है अपने पड़ोसियों से
कुछ बातें कर रही थी ..!!
वे बातें करते होंगे कि
" बारिश के दिनों में
दो चार बूंदो में
क्यों भीग जाते हैं हम!
इनसानों से एक छतरी बनवा लें क्या? "
वह किन्हें देख कर
इतना शरमा रही थी ,
शायद हवाएं
जोरो से चल रही थी ..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!!