Showing posts with label man ki baat. Show all posts
Showing posts with label man ki baat. Show all posts

Wednesday, April 29, 2020

Hindi poem - Mann / मन



मन

क्यों न बता 
पाएं हम 
बात दिल की 
मेरे मन की 
तुमसे ओ सनम 
हाल दिल की 
मेरे मन की 

है कैसी ये दुरियां 
मेरे मन में
कुछ तो है खयालों में 
दिल की तड़प को बयां 
कैसे कर जाएं हम 
बात दिल की 
मेरे मन की 
क्यों न बता 
पाएं हम 

दर्द है दिल में 
ये दर्द न जाए सहा 
काश हो ऐसा 
कि तु लिपट जाए 
बन के मरहम 
ओ मेरे सनम 
क्यों न बता 
पाएं हम 

बात दिल की 
मेरे मन की.. !!






                           © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे!  धन्यवाद  !!

the time

Where did go ? "the time!" The time The people The old hut near by home Where did go?  Where did go? "the night...