Hindi poem - Kartavya path / कर्तव्य पथ
कर्तव्य पथ
कर्तव्य पथ पर चलुंगा
चलते चलते गिरूंगा
फिर उठ कर खुद से कहूंगा
मंजिल अभी बाकी है
एक बार फिर कोशिश करूंगा..!
मिलेंगे कांटे यहां
होंगे शोले इन राहों पर
परिश्रम की आग में
पुरी तरह जलुंगा
कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!!
न टूटेंगे कभी, ये होंसला रखना है
मुश्किलों का डट कर सामना करना है
हार कर न बैठुंगा
एक बार फिर कोशिश करूंगा..!!
माना जंग बड़ी है
लड़ना आसान नहीं है
पर हिम्मत कर
युद्ध रथ पर चढुंगा
कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!!
कर्तव्य पथ पर चलुंगा..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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