सुनसान राहें
थमी थमी सी हवाएं
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं..
इन खामोश राहों ने
हमे बुलाया
और नजरें झुकाए
मीलों हम चलें गए,
ये सुनसान राहें
थमी थमी सी हवाएं
अपनी बातें हम
इन्हें क्या बताएं !
छू कर इन हवाओं ने
अपना बनाया जमाने में
कभी रूकती है
कभी चलती है
जाने क्या कहती है
पर संग इसके
मीलों हम चलें गए,
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं !!
हाल दिल का
कुछ ऐसा हो गया
ये खामोशी, ये सुनापन,
अपना हो गया
लफ्ज रूक गए,
आंखे नम हो गया..
राज नम आंखों का
हम क्या बताएं
ये सुनसान राहें
थमी थमी सी हवाएं..
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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