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Tuesday, May 5, 2020

Hindi poem - Sunsan rahen / सुनसान राहें

Hindi poem

सुनसान राहें 

ये सुनसान राहें 
थमी थमी सी हवाएं 
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं.. 

इन खामोश राहों ने 
हमे बुलाया 
और नजरें झुकाए 
मीलों हम चलें गए, 
ये सुनसान राहें
थमी थमी सी हवाएं 
अपनी बातें हम 
इन्हें क्या बताएं  !

छू कर इन हवाओं ने 
अपना बनाया जमाने में 
कभी रूकती है 
कभी चलती है 
जाने क्या कहती है 
पर संग इसके 
मीलों हम चलें गए, 
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं  !!

हाल दिल का
कुछ ऐसा हो गया 
ये खामोशी, ये सुनापन,
अपना हो गया 
लफ्ज रूक गए, 
आंखे नम हो गया.. 

राज नम आंखों का 
हम क्या बताएं 
ये सुनसान राहें 
थमी थमी सी हवाएं.. 
अपनीं बातें हम
इन्हें क्या बताएं..!!! 







Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 

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