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Saturday, May 16, 2020

Hindi poem - Tum aye toh sahi / तुम आए तो सही

Hindi poem - Tum aye toh sahi 

Hindi poem tum aye toh sahi

तुम आए तो सही 



सालों बाद कई, तुम आए तो सही
खुशियां थोड़ी हम, पाएं तो सही..!

बीते हैं दिन, और कई रातें 
याद आए वो सारी बातें 
वो मुश्किलों से लड़ती हालातें 
याद आए वो सारी बातें.. 

उन लम्हों को, जी पाएं तो सही 
सालों बाद कई, तुम आए तो सही.. !!

बिक गए एहसास, जहाँ भाव नहीं थे 
हम थे उन राहों में, जहाँ छाँव नहीं थे 
वैसे तो दिल था जख्मों से भरा 
पर लिखा नाम वहां, जहाँ घाव नहीं थे..

खामोशी है दिल में धड़कन में सरगोशी
सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!

टुकडों में बिखरा, वो अपना था 
गर्दीशों में टूटा, वो सपना था 
टूटना ही था वह शीशा 
पत्थरों से जिसे बचाना था.. 

गिरा कर फूल, कांटे बचाए तो सही 
लुटा कर खुशियां, गम भूलाएं तो सही..!!!

सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!




Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं!
https://subodhrajak.blogspot.com


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे!
धन्यवाद!!


Monday, May 4, 2020

Hindi poem - Ham kho gaye / हम खो गए ( I have been loss)


हम खो गए 
.................................

चारो और दिवारें हैं 
बन्द दरवाजे हो गए ,
डूब गए खामोश, दरिया में 
अंधेरों में हम खो गए ..

जब हमने कहा 
तो किसी ने न सुना 
जब हम सुनने बैठे 
तो वे चुप हो गए.. 

डूब गए खामोश, दरिया में 
अंधेरों में हम खो गए.. 

दिल बैचैन था, बताने को 
फर्क नहीं पड़ा, जमाने को 

आए थे, हसाने को 
पर हम ऐसे रो गए ,
डूब गए खामोश, दरिया में 
अंधेरों में हम खो गए  !

रखा हूँ दर्द को 
शब्दों की चिता में 
इसको तुम जला देना ,
खुश रहना जीवन में 
सारे गम भूला देना ..

जीवन की सुबह ढल गई 
एक लम्बी रात हो गई 
इन रातों में हम सो गए, 
डूब गए खामोश, दरिया में 
अंधेरों में हम खो गए ..!!







                            © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे,  धन्यवाद  !!

Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...