बारिश
..............................
रिम झिम -रिम झिम बजने लगी..
बारिश ये क्या
कहने लगी..
गिर के वो आंखों में
डूबने लगी..
रिम झिम - रिम झिम
बजने लगी..
बारिश ये क्या
कहने लगी..!
इस तरह वो हमें
समझने लगी
होंटो पे गिर के प्यास
बुझाने लगी..
रिम झिम - रिम झिम
बजने लगी
बारिश ये क्या
कहने लगी...!!
हमे तो भीगना था
कुछ दूर चलना था
बूंदे भी संग मेरे
भीगने लगी..
रिम झिम - रिम झिम
बजने लगी
बारिश ये क्या
कहने लगी..!!!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं!
आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे, धन्यवाद !!