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Thursday, May 7, 2020

Hindi poem - Ek cup chaai / एक कप चाय ( One cup tea )


एक कप चाय 
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एक कप चीनी 
दो कप पानी 
दुध हल्का मिलाती है, 
शाम को बुलाती है 
मुझको पिलाती है.. !

ये शाम का मौसम 
शुद्ध हवा धूल कम..
 
रंग सुनहरा लगता है 
सूरज जहां डूबता है.. 

माना समय किमती है 
लेकिन खर्च हो जाती है.. 
एक कप चीनी 
दो कप पानी 
दूध हलका मिलाती है ,
शाम को बुलाती है 
मुझको पिलाती है ..!!

नजरें मिली और 
बारिश हो गया, 
पानी मिलते ही पौधा 
खुश हो गया ..

उसकी नौटंकी देखने 
आता हूँ शाम को मिलने ..

उट - पटांग 
काम वो करती है ..
एक कप चीनी 
दो कप पानी 
दूध हल्का मिलाती है,  
शाम को बुलाती है 
मुझको पिलाती है.. !!!







                           © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे, धन्यवाद  !!



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