Hindi poem - Tum aye toh sahi
तुम आए तो सही
खुशियां थोड़ी हम, पाएं तो सही..!
बीते हैं दिन, और कई रातें
याद आए वो सारी बातें
वो मुश्किलों से लड़ती हालातें
याद आए वो सारी बातें..
उन लम्हों को, जी पाएं तो सही
सालों बाद कई, तुम आए तो सही.. !!
बिक गए एहसास, जहाँ भाव नहीं थे
हम थे उन राहों में, जहाँ छाँव नहीं थे
वैसे तो दिल था जख्मों से भरा
पर लिखा नाम वहां, जहाँ घाव नहीं थे..
खामोशी है दिल में धड़कन में सरगोशी
सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!
खामोशी है दिल में धड़कन में सरगोशी
सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!
टुकडों में बिखरा, वो अपना था
गर्दीशों में टूटा, वो सपना था
टूटना ही था वह शीशा
पत्थरों से जिसे बचाना था..
गिरा कर फूल, कांटे बचाए तो सही
लुटा कर खुशियां, गम भूलाएं तो सही..!!!
सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं!
https://subodhrajak.blogspot.com
आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे!
धन्यवाद!!
सालों बाद कई, तुम आए तो सही..!!
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