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Friday, May 29, 2020

Hindi poem - tum wahin rukana / तुम वहीं रूकना

Hindi poem

तुम वहीं रूकना 


ये दूर 
खतम होती है 
जहां आसमां ,
मैं मिलूंगा वहीं
तुम वहीं रूकना..

धीरे धीरे चल रहा हूँ 
वक्त के साथ रेंग कर,
कुछ फूलों को ले कर
कुछ कलियों को समेट कर..

मेरी राहें तुम 
थोड़ी देर और देखना ,
मैं मिलूंगा वहीं 
तुम वहीं रूकना..!!









Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं !

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे !धन्यवाद !!





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