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Tuesday, June 2, 2020

Hindi poem - kagaj aur kalam / कागज और कलम

Hindi poem

कागज और कलम 

अब कलम की याद नहीं आती 
कागज खुद को 
मोड़ माड़ के समेट लिया है

कविता लिखने का मोर्चा 
मोबाइल ने संभाल लिया है..!

कागज और कलम का मिलना 
एक गुजरा 
जमाना हो गया है 
उन दोनो की chemistry 
अब history बन गया है 

पौधों का जीवन बच जाए इसलिए 
खुद को उसने संभाल लिया है

कविता लिखने का मोर्चा 
मोबाइल ने संभाल लिया है..!! 








Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 



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