Showing posts with label bacchon ki Kavita. Show all posts
Showing posts with label bacchon ki Kavita. Show all posts

Saturday, July 4, 2020

Hindi poem - School ki Ghanti




स्कूल की घंटी 


चलो चलो रे चलो चलो 
रिंकु पिंकु और बंटी 
बज गई है फिर घंटी 

दो दिन अब तो छुट्टी है 
घर में अपना पार्टी है 
वेट अपना कम करेंगे 
स्विंग पूल में जम्प करेंगे 

खाएंगे कुछ फल फ्रूट
बच जाएगी
लाल टमाटर हरी भिंडी 
चलो चलो रे चलो चलो 
रिंकु पिंकु और बंटी 
बज गई है फिर घंटी ..!

कोई नहीं ये जाना है 
अपनी मुट्ठी में 
चिड़ियों का थोड़ा दाना है 
संग उसके दौड़ना है 
दो चार को पकड़ना है 

लाल रंग का जूता है 
कुर्ता नया अपना सादी है
कल जाएंगे नानी घर 
मामा का अपना शादी है 

बूंद बूंद भरेंगे अब 
अपनी मस्ती की टंकी 
चलो चलो रे चलो चलो 
रिंकु पिंकु और बंटी 
बज गई है फिर घंटी ..!!




Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 

Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...