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Saturday, July 4, 2020

Hindi poem - Titli / तितली Butterfly


Hindi poem


तितली 

एक तितली भूल गई 
कि पंख है उसके पास 

चलते फिरते लोगों के बीच 
उसकी शक्ति है कुछ खास 
एक तितली भूल गई 
कि पंख है उसके पास ...!!

छोटे से दिमाग में
कुछ गड़बड़ हो गया 
अंडे से निकलने में 
थोड़ा हड़बड़ हो गया 

जल्दबाजी में कर लिया 
खुद का ही सर्वनाश 
एक तितली भूल गई 
कि पंख है उसके पास ..!!

छोटे बड़े रंग बिरंगे पंख दिखा 
अपने सामने वाली तितली का 
तब ऐहसास हुआ 
उसे अपनी गलती का 

खुद का ग्यान हुआ उसे अनायास 
एक तितली भूल गई 
कि पंख है उसके पास ...!!





Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 

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