Thursday, May 28, 2020

Hindi poem - pahli baar / पहली बार

Hindi poem pahli baar

पहली बार 
........................

आहत हुआ है, दिल तार तार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!

पहले पहल लगा, ये क्या बला है 
पर इसे बेहतर जाना कौन भला है! 
निशाने पर थे हम कुछ इस तरह 
तीर दिल के सीधे पार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!!

थोड़ा जानबूझकर, थोड़ा अचानक हुआ है 
पर अंजाम इसका बड़ा भयानक हुआ है 
दिल हुआ बिमार मेरा, धड़कने लाचार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!!

आफत हुआ है, जीवन बेकार हुआ है 
जहां सुना खरी खोटी, वहीं तेरा दिदार हुआ है 
इश्क़ में ये हाल मेरा पहली बार हुआ है..!! 

दर्द ये जार जार हुआ है 
आहत हुआ है दिल तार तार हुआ है 
ऐसा हाल मेरा, पहली बार हुआ है..!!! 






Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे! धन्यवाद  !!

No comments:

Post a Comment

Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...