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Monday, August 24, 2020

Thandi Thandi / ठंडी ठंडी

 

Thandi


ठंडी ठंडी 
........................

ठंडी ठंडी चली है ये हवाएं 
याद मुझे उसकी दिलाए 

पीछे पड़ गया ये 
मौसम ये सुहाना 
हो गया है पागल ये दिवाना 
रंग चांदी सुनहली फिजाएं 
याद मझे उसकी दिलाए 

ठंडी ठंडी चली है ये हवाएं 
याद मुझे उसकी दिलाए 


आया है मौसम वही 
जब मिले थे हम 
जालिम ने कर दिया 
मेरी आंखें नम 
इनकी नादानी को 
कौन इन्हें बतलाए 
याद मुझे उसकी दिलाए 

ठंडी ठंडी चली है ये हवाएं 
याद मुझे उसकी दिलाए 


कई रंग उभर आई है 
नीले आसमां पर 
मेरी बेरंग इस जहां में 
सौ रंग ये मिलाए 
याद मुझे उसकी दिलाए 

ठंडी ठंडी चली है ये हवाएं
याद मुझे उसकी दिलाए ..!!





                         © Subodh Rajak   

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 



Saturday, May 9, 2020

Hindi poem - Nal / नल



नल 
....................................

डब-डब डब-डब पानी गिरे 
पकड़ा हूँ नल खड़े खड़े 
भर जा टंकी जल्दी से 
पक रहा हूँ खड़े खड़े.. 

ताक रहे पौधे मुझे 
मिट्टी में यूं खड़े खड़े ,
न दू पानी इसे अगर 
उठकर मुझसे ये लड़े ..

डब-डब डब-डब पानी गिरे 
पकड़ा हूँ नल खड़े खड़े.. 

नल की ये कहानी है 
पकड़े हर कोई ,
जब तक उसमें पानी है ..

भर जा टंकी जल्दी से 
सर पे मेरे धूप पड़े 
डब-डब डब-डब पानी गिरे ,
पकड़ा हूँ नल खड़े खड़े ..

जल्दी पानी भरना है 
उसके बाद नहाना है 
भूख लगी है जोर से 
जल्दी खाना खाना है 

पाचन की समस्या हो  
वक्त पे जो ना भोजन करे,
डब-डब डब-डब पानी गिरे 
पकड़ा हूँ नल खड़े खड़े ..!

पौधे को देना है पानी 
टंकी भरने के बाद, 
फल मिलेगा झोला भर 
फूल खिलने के बाद.. 

मजबूत है इनकी जड़ें 
इनको कोई क्या उखाड़े
डब-डब डब-डब पानी गिरे 
पकड़ा हूँ नल खड़े खड़े..!!








Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे,  धन्यवाद  !!



Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...