आईना
बना कर दिल जमाने ने
इस कदर मुझे तोड़ा है ,
कि टुकड़ा टुकड़ा हिस्सा
जमीं पे गिरा है ..!!
कितनों ने अपना चेहरा देखा
किसी ने आंसू देखे
किसी ने मुस्कान देखा
किसी ने घाव देखे
किसी ने जख्म गहरा देखा
कुछ इस कदर सब ने
अपना चेहरा देखा ..!!
रोशनी में रहते हैं लोग
पर जहन में अंधेरा है
बना कर दिल जमाने ने
इस कदर मुझे तोड़ा है ,
कि टुकड़ा टुकड़ा हिस्सा
जमीं पे गिरा है ..!!
टूटा हूँ गिर कर
किसी के हाथों से छूट कर
ज़िन्दगी ने ही ले गया
मेरी ज़िन्दगी लूट कर
कल तक घर की शोभा थी
आज किसी ने कुड़े में छोड़ा है
बना कर दिल जमाने ने
इस कदर मुझे तोड़ा है ,
कि टुकड़ा टुकड़ा हिस्सा
जमीं पे गिरा है ..!!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे!
धन्यवाद!!