Showing posts with label galyara. Show all posts
Showing posts with label galyara. Show all posts

Tuesday, September 1, 2020

Hindi poem - Andhere me hun / अंधेरे में हूँ

 

Hindi poem - Andhere me hun

अंधेरे में हूँ 

..............................


कैसे देख पाओगे मुझे 

मैं अंधेरे में हूँ 

जूगनुओं की बस्ती में 

किसी पगडंडी में 

रात के गलियारे में हूँ !

इक सफर में 

मैं अकेला हूँ 

घनी रात में मंजिल 

कुछ साफ नहीं दिखता

किसी गहरी खाई के 

किनारे में हूँ 

मैं अंधेरे में हूँ !

उजाले की तलाश में 

भटकता ठोकर खाता 

उम्मीद की ज्योत जलाए 

न रूकता न थकता 

ठंड से कपकपाता 

घने कोहरे में हूँ 

मैं अंधेरे में हूँ ..!!





                        © Subodh Rajak 

SUBODH HINDI COMPOSITIONS 


हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं! 

https://subodhrajak.blogspot.com


आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!! 


Hindi poem - Aatma / आत्मा

  आत्मा   =========== रूकी हवा में  गहरी खामोशी  काली रात में  टहल रहा है कोई  पैरों के निशां नहीं है उसके हवा रोशनी वस्तु चींजे  सब पार हो ...