Monday, May 4, 2020

Hindi poem - tuta pathar / टूटा पत्थर ( broken stone)


टूटा पत्थर 
.................................

चल उठ, चल मेरे साथ 
बहुत ठोकरें खा ली ,
कब तक धुल चाटता रहेगा 
बैठे बैठे यहीं सड़ता रहेगा ..

चल आ देख मैं तुझे 
क्या से क्या बनाता हूँ 
कहां से उठा कर 
कहां पे बैठाता हूँ 

पर मेरे शर्त में 
बहुत दर्द है प्यारे ..

कटना है, छैनी की धार से 
टूटना है, हथौड़े की वार से 
चीख पड़ेगा तू, 
किस्मत की हर मार से.. 

ये दर्द खुद पर सहना होगा 
मर मर कर तुम्हें 
जिन्दा रहना होगा.. 

पर मेरे शर्त में 
जब तू खरा उतरेगा ,
बड़ी बड़ी हस्तियां 
तेरे आगे सर झुकाएगा !!






                          © Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं !

आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे , धन्यवाद  !!


No comments:

Post a Comment

the time

Where did go ? "the time!" The time The people The old hut near by home Where did go?  Where did go? "the night...