|| फूलों में खुशबू मिट्टी का ||
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सर उठा कर दूं सलामी, आज तिरंगा लहराया है ,
बिखरे फूलों में खुशबू, मिट्टी का मैंने पाया है ..!!
आज लुटा दूं जान मैं अपनी
मौका हमने पाया है ,
भारत माँ के चरणों पर
स्वर्ग हमने पाया है ..!!
प्रेम वतन का कण कण, मुझमें समाया है ,
बिखरे फूलों में खुशबू , मिट्टी का मैंने पाया है..!!
उंची हिमालय की तरह
विश्व में तेरी पहचान हो ,
निकले जो तेरी शान के ख़ातिर
पहले मेरा प्राण हो ..!!
तेरी हवाओं में लहराना, मन को आज लुभाया है ,
बिखरे फूलों में खुशबू, मिट्टी का मैंने पाया है ..!!
आज सजी है फूलों से
माँ भारती का आँगन ,
कहीं लिखा है जय हिंद
कहीं वंदे मातरम् ..!!
आज खुशी में मन बड़ा हर्षाया है ,
बिखरे फूलों में खुशबू, मिट्टी का मैंने पाया है..!!
© Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद!!
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