Sunday, July 19, 2020

Hindi poem - Pattharon ka dard / पत्थरों का दर्द


Hindi poem


पत्थरों का दर्द 

एक ढाल पे बहता पानी है 
पत्थरों के दर्द की कहानी है 

जल की धारा से टूटा है 
दरारों में किसी का आशियाना है 
कुछ हरे हरे शैवाल पड़ गए हैं 
कुछ किड़ों का ठिकाना है 

कोई करिश्मा है या 
कुदरत की कोई नादानी है ,
एक ढाल पे बहता पानी है 
पत्थरों के दर्द की कहानी है ..!!

तीर जिगर में घुसा 
या जिगर तीर में गिरा 
नासूर जख्म की निशानी है 

एक ढाल पे बहता पानी है 
पत्थरों के दर्द की कहानी है ..!!







Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारे! धन्यवाद !!

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