Sunday, July 19, 2020

Hindi poem - Raat / रात ( night )


Hindi poem


रात 

ये रात गुज़र गई होती
अगर तेरी याद आई न होती 
हम सो गए होते 
अगर तुम जागी न होती 

आवाजे रात में होती है 
दिन में तो शोर होता है 
कैसे सौंप दे दिल को 
ये बड़ा ही कमज़ोर होता है 

हम न मिलते कभी शायद 
ये बारिश अगर आई न होती 
ये रात गुज़र गई होती
अगर तेरी याद आई न होती  ..!!

बड़ा ही मुश्किल होता है 
ये वक्त का गुजरना 
वक्त से पुछो क्या होता है 
ये दिल का तड़पना

मेरे दिल को तेरा ऐहसास न होता 
तो ये मुसीबत आई न होती 
ये रात गुज़र गई होती 
अगर तेरी याद आई न होती  ..!!!





Subodh Rajak 
SUBODH HINDI COMPOSITIONS 

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आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है!  पुनः पधारे!  धन्यवाद !!


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