Hindi poem - kuch baaki hai / कुछ बाकी है
kuch baaki hai /कुछ बाकी है
किताबें जो रखी हैं
सेत कर पढ़ने के लिए
कुछ पन्नें अभी बाकी हैं,
कुछ दिन गुजर गए
ज़िन्दगी के कुछ दिन में
कुछ जीना अभी बाकी है..!
कुछ तो है मुझमें
यूं ही नहीं हम नजरों में हैं
कुछ बातें उभर गई है
उनकी दो आंखों पर
कुछ बातें अभी बाकी हैं..!!
Subodh Rajak
SUBODH HINDI COMPOSITIONS
हमारी रचनाएं पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक में जा कर मेरे ब्लोग में पढ़ सकते हैं!
आपके आने से मेरा मनोबल बढ़ा है! पुनः पधारें!
धन्यवाद!
No comments:
Post a Comment